कविता
कविता
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मस्तिष्क में द्वंद्व चलता है,
शब्दो का उद्गार होता है।
कल्पनाओं के फूल खिलते है,
कविता का निर्माण होता है।
कलम की धार पर रचना रचती है,
एक कवि का आगाज होता है।
प्रकृति के भावों का वर्णन करती है,
वीरों के शौर्य प्रताप का जिक्र करती है।
कुछ कविताएं हदय परिवर्तन करती है,
कुछ सत्ता मे हलचल पैदा करती है।
कवि भी धन्य हो जाता है,
जब भटके राही को राह दिखाता है।
कविता से कविता बनती जाती है,
कवि जग मे पहचाना जाता है।