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मां का वह अभिमान, कुटुंब का स्वाभिमान।। मां का वह अभिमान, कुटुंब का स्वाभिमान।।
जब करें दिखावा अपनेपन का, शब्दों के जाल नित बुने वो जब करें दिखावा अपनेपन का, शब्दों के जाल नित बुने वो
नदियों को कर रहा प्रदूषित, वन उपवन को भी दे रहा काट। नदियों को कर रहा प्रदूषित, वन उपवन को भी दे रहा काट।
एक मुस्कान हजार, बीमारियों की दवा है। एक मुस्कान हजार, बीमारियों की दवा है।
वो कामयाबी ही किस काम की, जो सिर्फ अपने ही काम आए। वो कामयाबी ही किस काम की, जो सिर्फ अपने ही काम आए।
एक सपना टूट गया तो क्या? अभी नया सपना देखना बाकी है।। एक सपना टूट गया तो क्या? अभी नया सपना देखना बाकी है।।
कविता से कविता बनती जाती है, कवि जग मे पहचाना जाता है। कविता से कविता बनती जाती है, कवि जग मे पहचाना जाता है।
बंदर मामा रंग - रंगीले, निकले आज पिचकारी लेके। बंदर मामा रंग - रंगीले, निकले आज पिचकारी लेके।
सब्र धीरज धैर्य की बन मिसाल, अपने भी सपने करती साकार।। सब्र धीरज धैर्य की बन मिसाल, अपने भी सपने करती साकार।।
उनका मकसद यही तो था, बाज परिंदे को बर्बाद करना।। उनका मकसद यही तो था, बाज परिंदे को बर्बाद करना।।