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Kajal Kumari

Tragedy Inspirational

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Kajal Kumari

Tragedy Inspirational

*हिंदी दिवस पर हिन्दी*

*हिंदी दिवस पर हिन्दी*

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हिंद भाल पर शोभित बिंदी, गौरव खो रही अपनी हिन्दी,

 लेखक विद्वानों के संघर्षों से अपनी अस्मिता पाई थी, 


राजभाषा होने का मान अपनें नाम कर पाई थी, 

आंगल से पिछड़ रही है हिन्दी, गौरव खो रही अपनी हिन्दी, 


लेखन में अलसाने लगी वाचन में शर्माने लगी,

 हर जगह ये अशुद्धता के साथ नजर आने लगी, 


मात्रा ज्ञान के साथ भूल रही बिंदी,

गौरव खो रही अपनी हिंदी , 


हिंदी को कमजोरी बनाकर हम अपना मान खो रहे हैं, 

अन्य भाषाओं के आगे हम अपना आत्म सम्मान खो रहे हैं, 


वाचन में निपुण हो लेखन भी शुद्ध बनाना है,

 गौरवशाली हिंदी का गौरव विश्व मस्तक पर चमकाना है,


 जिससे शोभा बनी रहे हिन्द भाल पर बिंदी, 

गौरवशाली बनी रहे गर्व से बोलो अपनी हिंदी......


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