।। हिन्द की सेना ।।
।। हिन्द की सेना ।।
1 min
214
प्रबल वेग से बढ़ती जाए,
अरि मुंड कटे जो दिख जाए,
उन्नत है भाल गर्वित सीना,
सर झुका नहीं सीखा जीना,
निर्बल के साथ बस रहे खड़े,
अन्याय जहां हर कदम लड़े,
हर सांस में देश रहा जिनके,
अरि शौर्य उड़ा बन कर तिनके,
गर जीवन सफल बनाना हो,
इनसे ही प्रेरणा बस तुम लेना,
माँ भारती के माथे का मुकुट,
अपनी प्रबल हिन्द की सेना ।।