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Mritunjay Patel

Classics Inspirational Others

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Mritunjay Patel

Classics Inspirational Others

हौसलों के पंख

हौसलों के पंख

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हार नहीं मानी है, अपने ख्व़ाबो से 

उनसे कह दो वो बेफिक्र रहें 

जिसने बस जीना ही सीखा है …।

हौसलो के पंख अभी मज़बूत है 


बेमौसम कुँए में टर्ररर टर्ररर करते मेढ़क 

इस अषाढ़ में बारिश आना वाकी है।

जिसने ठानली है खु़द की आसमाँ बनाने की

उन्हें फुर्सत कहां दुसरे की आसमाँ छीनने की ..


उसे बस फिक्र है, दूसरे को पनाह देने की…।

सकूँ मिलेगी ख्वा़बों के पर को 

उन फ़ासलों को तय करतें ग़र मर भी गया  

अब मंज़िल का कौन परवाह करता है …..।


माँझी दरीया के विपरीत दिशा में चलना सिखा है,

तूफ़ान और गहराई का अंदाज़ा लगा लेता है,

अब करवट बदलेगी उस दिशा में ..।


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