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Mritunjay Patel

Classics Inspirational

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Mritunjay Patel

Classics Inspirational

बेटियाँ

बेटियाँ

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बेटियाँ तो आंगन की खुशियां है,

जैसे आंगन की तुलसी चौरा ll


 मां - बाप की  हृदय का सुखन,

मां की ममता, पिता का दुलार।

बेटियाँ आज बंधने चली जीवन सूत्र में 

वर-वधू के बीच निश्चल प्रेम सा हो कीर्तिमान l


बेटियाँ की छुटेगी आज अपना घर - आंगन,

बिछडेंगी मां की ममता,पिता का दुलार l


सब कुछ छोड़ चली है .. 

अपनी पिया के घर बसाने, 

नई जिंदगी में रंग भरने l


ना छूटेगी कभी यादें  -

 आंगन, उन गलियों की 

मां की ममता, पिता का दुलार।


बेटियों का दिल, तो 'सागर' सा है,

  प्रेम को ना होने देती कमी कभी l 


बेटियाँ जरा सी आह जान कर कैसे भागे आती है,

अपना घर- आंगन,

आंखों में झर-झर आंसू अथाह प्रेम सा आंचल, 

आलिंगन से छण भर में सारा पीडा बाट लेती 

यही वो आंचल।


बेटियाँ तो सुकून है, रूह में बसता प्राण l

जैसे आंगन में तुलसी चौरा की हरियाली l 


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