यात्रा
यात्रा
वक्त के साथ जिनको चलना आया l
राह-ए-मंजिल सफर तय करना आया ll
सच भी है लेकिन,
बिना सफर तय किए ,न चलना आया l
किताबो में जिक्र न होती हर वो रास्ता,
चलना-लड़खड़ाकर गिरना, फिर संभलना आया ll
जिंदगी के अनेक रंग है , हर मोड़ पर सिखना आया।
संत - फकीरी की राह है,सगुण, निर्गुण ..
जीवन के अंतिम पथ पर आत्म समर्पण करना आया।l
जीवन का मूल रहस्य क्या है?
जन्म - मृत्यु के बीच की दिवार को फंदना ना आया।
हम सभी है उनकी (प्रभु) रचना ,
नास्तिक होकर भी प्राकृत की सचाई को झूठलाना ना आया।l
चारो तरफ मैं-मैं की शंखनाद गूंज रही ,
धरती, आसमान बदल देने की ,
अपने ही मृत्यु पर जय घोष करना ना आया l
अशांत मन लील रही है संपूर्ण जगत को,
जाति, धर्म, लिंग, भेद की जाल से निकलना ना आया ll
शांति की खोज में अशांत मन !
किसी का दिल जीतना ना आया।l