भीड़ से बने भीड़ में गुम हो जाते मुखौटे। भीड़ से बने भीड़ में गुम हो जाते मुखौटे।
दिन निश्चित है रात निश्चित है जन्म निश्चित है मृत्यु निश्चित है दिन निश्चित है रात निश्चित है जन्म निश्चित है मृत्यु निश्चित है
जन्म-मृत्यु के पलों को ये गिनाती प्यार के इजहार को इंतजार में दर्ज कराती... जन्म-मृत्यु के पलों को ये गिनाती प्यार के इजहार को इंतजार में दर्ज कराती...
दो पल को ही संजोया था, दो पल ही मैं लुटा आई ! दो पल को ही संजोया था, दो पल ही मैं लुटा आई !
देगे पुष्पांजलि करेंगे भक्ति, प्रेम भाव से उन्हें करेंगे भक्ति। देगे पुष्पांजलि करेंगे भक्ति, प्रेम भाव से उन्हें करेंगे भक्ति।
मैंने कभी कुछ कहा नहीं! मैंने कभी कुछ कहा नहीं!