झारखंड राज्य की शान
झारखंड राज्य की शान
देश में भी धूम विदेशों में धूम
बिरसा मुंडा की वीरता का धूम,
लोकनायक आदिवासियों धूम,
वीर पुत्र बिरसा मुण्डा के धूम।१।
१५ नवंबर १८७५ जन्म
पूर्ण आत्मा का हुआ था जन्म
गांव उलिहातु में हुआ था जन्म
हुआ मुंडा का गांव में ही जन्म।२।
नाम था पिता के ही सुगना मुंडा
गरीब परिवार में जन्मे मुण्डा
माता का नाम था कर्मी हटू मुंडा
पुत्र शक्तिशाली मुंडाओं का मुंडा।३।
भगवान रूप में पूजा झारखंड में
आविर्भाव झारखंड के भूमि में
हुआ अंग्रेजों विरोध मुंडाओं में
सजा आन्दोलन पवित्र भूमि में।४।
मुंडाओं को लाया ही वीर साथ में
अंग्रेजों के खिलाफ भडका दिलों में,
हुआ बहिष्कार टैक्स मुंडाओं में
तेज हुआ विद्रोह गोरे हटाने में।५।
किस्मत लिखा आपने कार्यों में
यीशु धर्म छोडे आये वे धर्म में,
हुआ आदार उन्हें हिंदू धर्म में
हिन्दू शास्त्र पढे अति ध्यान में।६।
पढे रामायण महाभारत भी
दूर किये अधंविश्वास प्रथा भी,
यशु धर्म बहिष्कार हुआ भी
मिशन गुमराह बात कहे भी।७।
हमारे धर्म है हिन्दुत्व हमारा
कर्त्तव्य पथ ही जीवन हमारा,
प्रकृति पूजा कर्त्तव्य हमारा,
सेवा में ही बितायेंगे प्राण सारा।८।
एक अक्टूबर १८९४ साल
हुआ आन्दोलन भयंकर हाल,
अंग्रेजों खिलाफ हुआ बुरा हाल
गिरफ्तार हुये था १८९५ साल।९।
दो साल रहे वे हजारीबाग में
कैद किया गये वे भेजे जेल में
वरी हुये जेल से यातनाओं में
सेवा हीं अकाल ग्रसित क्षेत्रों में ।१०।
१८७५ साल भयानक युद्ध
ब्रिटिश सेनाओं के साथ ये युद्ध
साल १९०० तक चला युद्ध
अत्याचारियों के साथ हुआ युद्ध।११।
पुरुष बच्चे महिलाएं भी मरे
युद्ध भयानक से अनेक मरे
अनके शिष्यों को ब्रिटिश भी धरे,
दिये परिचय वीरता के प्यारे।१२।
बिरसा मुंडा का गिरफ्तार हुआ
३ फरवरी १९०० को हुआ,
चक्रधरपुर में कैद वीर हुआ
पांच फरवरी रांची लाना हुआ।१४।
दिये उस दिन अति यातनाएं
हुआ मृत्यु का करण यातनाएं,
था कठोर अति शत्रु यातनाएं
दिया उन्हें मृत्यु इन यातनाएं।१५।
15 नवंबर है जन्म जयंती
करेंगे हीं उन्हें चरणों में भक्ति,
देगे पुष्पांजलि करेंगे भक्ति,
प्रेम भाव से उन्हें करेंगे भक्ति।१६।