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मोहनजीत कुकरेजा (eMKay)

Drama

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मोहनजीत कुकरेजा (eMKay)

Drama

हैचरी के चूज़े

हैचरी के चूज़े

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आप

अगर चाहते हैं

कि आपके क़द से ऊंचा हर वृक्ष

काट दिया जाए

और बादल

सिर्फ़ आपकी छत के नीचे ही गरजे I

 

गाँव देहात के खाद-कूड़े के ढेर पर

शोर मचाते

देसी मुर्गों की

नसबंदी करा दी जाए

और पूरी क़ौम

हैचरी से निकले चूज़ों की तरह

बस चूँ चूँ, चूँ चूँ ही करे !


हाँ, चूँ चूँ, चूँ चूँ ही तो कर रहे हैं

हम सभी

हाँ हाँ, हाँ हाँ करते

और जी जी-जी जी कहते।


मुर्गी-ख़ाने से निकलती

चूँ चूँ, चूँ चूँ ही तो है

चारों तरफ़

आवाज़ कोई नहीं

काश कोई बांग दे सकता !    


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