डाo रमेश कुमार; हिंदी अनुवाद: मोहनजीत कुकरेजा डाo रमेश कुमार; हिंदी अनुवाद: मोहनजीत कुकरेजा
गंगा के जल मे डूब जाओ.. तुम अछूत ही रहते। गंगा के जल मे डूब जाओ.. तुम अछूत ही रहते।
ना पहुंचा कोई गाँव -देहात जाने कब होगी वो सुप्रभात ना पहुंचा कोई गाँव -देहात जाने कब होगी वो सुप्रभात
धूप में छाँव में , गली हर ठांव में , थकते कहाँ थे कदम , मिटटी में गाँव में। धूप में छाँव में , गली हर ठांव में , थकते कहाँ थे कदम , मिटटी में गाँव में।