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Pradhyuman Singh Sandu

Tragedy

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Pradhyuman Singh Sandu

Tragedy

कोरोना की जंग

कोरोना की जंग

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हाय ये कैसी जमात

सूख रहे हृदय प्रपात

बंद किये सब निर्यात

ना पहुंचा कोई गाँव -देहात

जाने कब होगी वो सुप्रभात


रोग फेलावे छूत-छात

किया जिसने राष्ट्र पर आघात

की जिसने मानवता पर घात

कर रहे मानवता का निपात

मन की हो गई कविता समाप्त

हाय ये कैसी जमात


यहां जमात शब्द का अर्थ किसी धर्म विशेष से नहीं है

जमात का अर्थ - मनुष्यों का समूह ,गिरोह, जत्था,

संघ, समुदाय, कक्षा, श्रेणी


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