हां, बस अभी जिंदा हूं मैं
हां, बस अभी जिंदा हूं मैं
वो पुछते है -
कि कहां और किस हाल में हूं मैं,
तो मेरा जवाब सीधा सा और
सच्चा सा है जनाब,
कि अभी फिलहाल चलता फिरता
एक पुर्जा सा हूं मैं,
थोड़ा सुस्त थोड़ा कमज़ोर सा हूं मैं,
चारों ओर फैले विषाक्त, विषैला,
घातक, हानिकारक,
दूषित पर्यावरण का मारा हूं मैं।
इस प्रदूषित वायु में छूटती, घटती,
ओझल होती शुद्ध वायु की
उत्पीड़न का मारा हूं मैं।
पर्यावरण में फैले कष्टमय, कष्टदायी,
दुष्कर विषाणु की मार का घायल हूं मैं।
शुक्रगुजार हूं उस खुदा का और
बस दुआओं का असर हैं
कि मैं अभी,
जिंदा हूं मैं ,
स्वारचित ये रचना है मेरी
यही एहसास बस दिलाती है
हां, बस अभी जिंदा हूं मैं।।