गुरैया [पर्यावरण ]
गुरैया [पर्यावरण ]
नैन जिनको देख सदा खुश होते है
हर उम्र के लोगो में खुशी क्षण भर दे ।
फुरर उड़ खाने को इधर-उधर होते है ,
यही गुरैया की चहचाहट तो घर भर दे ।
दाना चुगे उड़ जाये या नीड़ में होते है ,
रूप बसंत कथा में इनके प्रसंग भर दे ।
बच्चे प्यार में पकड़ने खूब होते है,
उनके तेज स्वर आलम में उमंग भर दे ।
यूरिया खाद और प्रदूषण तो खूब होते है ,
गुरैया की कमी सी मन में दर्द भर दे ।
अगर जो वातावरण स्वस्थ होते है ,
पक्षी भी सूनापन में खुशी भर दे ।