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Shree Rajput

Tragedy

4.5  

Shree Rajput

Tragedy

गुनाह

गुनाह

2 mins
300


मामुली सा दर्द था वो जो वक्त ने हमें दिया था-२

चोट खाई थी सीने पर, ऐसा क्या गुनाह किया था...!

मंजिल जुदा थी हमारी, आये एक मोड से-२

छोडकर चल दिये तुम और रास्ते, ऐसा क्या गुनाह किया था...!!


ख्वाईश थी हमारी ये जिंदगी बसर हो तेरे साथ-२

टूट गया ये ख्वाब क्यूं ? ऐसा क्या गुनाह किया था...!

खुशी कि लहर आंसू के समंदर में डूब गई-२

मतलब से बस तेरा मतलब था, ऐसा क्या गुनाह किया था...!!


अचंभे मे रूह पड गई सोचकर की क्या ये मजाक है -२

एक पल मे मजाक बन गये ऐसा भी, क्या गुनाह किया था...!

फर्क नही तुम्हे इस दर्द का ये सुनकर दर्द भी सहम गया -२

रहम खाकर झूठी मोहाब्बत ही दिखाते, ऐसा क्या गुनाह किया था...!!


तुम भी बस गये अपनी दुनिया में हम भी लौट आये अपने आशियाने में -२

जिस्म के प्यास खातीर रूह को ठुकरा दिया, ऐसा भी क्या गुनाह किया था...!

अब एक झलक के खातिर बार बार दिदार करने आ मत जाना दोबारा -२

जिस मोड पर मिले उसी मोड पर छोड गये, भला हमनें ऐसा भी क्या गुनाह किया था...!!

 


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