बेरंगी
बेरंगी
तोल-मोल के घोल-घोल के,
आतीं थी खुशियां रंगों में...
खिल-खिलाते भूल-भुलाते,
रंग जाते थे रंग चेहरों पे...
हँसते -हँसाते औरों को हँसाते,
घूम -घूम के चले गलीं-गलीं में...
दौड़-भाग के भाग-दौड़ के,
रंगते चले चेहरे धनी-रूनी के...
मूंद-मूंद के छुप-छुप के,
मुस्कुराते देख चेहरे औरों के...
चुप-चाप से रुक-रुक के,
लगते थे कभी रंग भी गैरों पे...
झूम -झूम के नाच-नाच के
पीते भांग भी मौजों में...
पीते-पिलाते मिलते-मिलाते
मिल जाते थे हम भी रंगो में....
अब चुप-चुप से अटक-लटक के,
बैठे है घर के कोनों में...
रंग-वंग में भांग-वांग में,
पड़ गया भंग खुशियों में...
देख-देख के सोच-समझ के
इस बार रह लो घरों में...
रुकते-रुकाते आस-पड़ोस में,
सावधानी रखना अपनों में...
देख-रेख से सूझ -बुझ से,
हो सके टालों खेल होली में...
जश्न रंग में रोना-धोना
बेरंगी कर दी दुनिया करोना ने...
रंग-रंग में खेल-खेल में
हो सके तो टालो इस बार,
डरो मत सब सही रहा तो,
खेलेंगे होली अगली बार...
खेलेंगे होली अगली बार...
नोट- कृपया इस होली घर पर रहे, सुरक्षित रहे,
साथ ही इस बार आधुनिक माध्यम से जैसे की मोबाइल से अपने परिजनों,
दोस्तों को होली की बधाइयां दे....
हॅपी होली
