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Jayshri Rajput

Tragedy Inspirational

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Jayshri Rajput

Tragedy Inspirational

बेरंगी

बेरंगी

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तोल-मोल के घोल-घोल के,

आतीं थी खुशियां रंगों में...

खिल-खिलाते भूल-भुलाते,

रंग जाते थे रंग चेहरों पे...


हँसते -हँसाते औरों को हँसाते,

घूम -घूम के चले गलीं-गलीं में...

दौड़-भाग के भाग-दौड़ के,

रंगते चले चेहरे धनी-रूनी के...


मूंद-मूंद के छुप-छुप के,

मुस्कुराते देख चेहरे औरों के...

चुप-चाप से रुक-रुक के,

लगते थे कभी रंग भी गैरों पे...


झूम -झूम के नाच-नाच के

पीते भांग भी मौजों में...

पीते-पिलाते मिलते-मिलाते

मिल जाते थे हम भी रंगो में....


अब चुप-चुप से अटक-लटक के,

बैठे है घर के कोनों में...

रंग-वंग में भांग-वांग में,

पड़ गया भंग खुशियों में...


देख-देख के सोच-समझ के 

इस बार रह लो घरों में...

रुकते-रुकाते आस-पड़ोस में,

सावधानी रखना अपनों में...


देख-रेख से सूझ -बुझ से,

हो सके टालों खेल होली में...

जश्न रंग में रोना-धोना 

बेरंगी कर दी दुनिया करोना ने...


रंग-रंग में खेल-खेल में

हो सके तो टालो इस बार,

डरो मत सब सही रहा तो,

खेलेंगे होली अगली बार...

खेलेंगे होली अगली बार...


नोट- कृपया इस होली घर पर रहे, सुरक्षित रहे,

साथ ही इस बार आधुनिक माध्यम से जैसे की मोबाइल से अपने परिजनों,

दोस्तों को होली की बधाइयां दे....

हॅपी होली



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