STORYMIRROR

Rahulkumar Chaudhary

Tragedy

4  

Rahulkumar Chaudhary

Tragedy

माफ करना मुझे

माफ करना मुझे

1 min
210


लिबास तन से उतार देना,

किसी को बाहों के हार देना,

फिर उसके जज़्बों को मार देना,

अगर मोहब्बत यही है जाना,

तो माफ़ करना मुझे नहीं है !


गुनाह करने का सोच लेना,

हसीन परियाँ दबोच लेना,

फिर उसकी आँखें ही नोच लेना,

अगर मोहब्बत यही है जाना,

तो माफ़ करना मुझे नहीं है !


किसी को लफ़्ज़ों के जाल देना,

किसी को जज़्बों की ढाल देना,

फिर उसकी इज़्ज़त उछाल देना,

अगर मोहब्बत यही है जाना,

तो माफ़ करना मुझे नहीं है !


अंधेर नगरी में चलते जाना,

हसीन कलियाँ मसलते जाना,

और अपनी फितरत पे मुस्कुराना,

अगर मोहब्बत यही है जाना,

तो माफ़ करना मुझे नहीं है


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy