कूद रहीं अंधकूप में, पापा की परियां असहाय से देखते, मां -बाप खड़े हुए हैं। कूद रहीं अंधकूप में, पापा की परियां असहाय से देखते, मां -बाप खड़े हुए हैं।
हम यूँ रहते मस्त यहाँ जैसे नीलगगन में परियाँ करते हम एक-दूसरे से प्यार भरी शैतानियाँ हम यूँ रहते मस्त यहाँ जैसे नीलगगन में परियाँ करते हम एक-दूसरे से प्यार भरी ...