STORYMIRROR

Anju Singh

Drama

2.5  

Anju Singh

Drama

चुलबुली सखियाँ

चुलबुली सखियाँ

1 min
14.6K


ये चुलबुली प्यारी सखियाँ

कर लेती कितनी सारी बतियाँ


ना थकती बतियाने से

कुछ सुनने और सुनाने से


मन की पीर बताने से

हर किसी के रंग में रंग जाने से


हम रहती ऐसे साथ-साथ

जैसे रहती दोनों अँखियाँ

ये चुलबुली प्यारी सखियाँ


जो हम ना कह पाते किसी से

वो कह डालते इन सखियों से


मन में लगें ठेस तो,

मिल बाँट कर हँस लेते सब से


सुबह शाम एक दूसरे की

बाँट जोहती सारी सखियाँ


सबका दिल से इंतजार करती सखियाँ

ये चुलबुली प्यारी सखियाँ


मन की पीड़ा धोने को

तैयार रहती सभी सखियाँ


हँसने और हँसाने को

तैयार रहती ये सखियाँ


सुख में रहे साथ-साथ

पर दुःख में बखुबी


साथ निभाये सखियाँ

ये चुलबुली प्यारी सखियाँ


हम यूँ रहते मस्त यहाँ

जैसे नीलगगन में परियाँ


करते हम एक-दूसरे से

प्यार भरी शैतानियाँ


बनती प्यार का निशाना

वो हमारी प्यारी सखियाँ


है दीवानी एक दूसरे की सखियाँ

ये चुलबुली प्यारी सखियाँ


ये ग्रुप में मंडराती जैसे

बागों में उड़ती तितलियाँ


और भँवरों के बीच कलियाँ

यूँ दिन रात ये गप्पें लड़ाए


थकती कभी ना अँखियाँ

पता भी ना इनको चले


कैसे बीते दिन व रतियाँ

हाय रे, ये चुलबुली सखियाँ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama