गुनाह उसने किए
गुनाह उसने किए
अपने ही हालात पे रो रहा है।
एक मुल्क बरबाद हो रहा है।।1।।
गुनाहों पर गुनाह उसने किए।
खुद को जो पाक कह रहा है।।2।।
झूठी शान में वो जी रहा था।
उसपर ये जमाना हंस रहा है।।3।।
हमदर्द ना कोई उसका रहा।
सभी का वो साथ खो रहा है।।4।।
आतंक की लगायी आग में।
आज वो खुद ही जल रहा है।।5।।
कुछ जनाजे उठे देखे हमने।
भूख से वहां इंसा मर रहा है।।6।।
