गुलाबी नगरी जयपुर
गुलाबी नगरी जयपुर
जयपुर के बिना तो भारत भ्रमण के रंग पड़ जाते हैं फीके,
लहरिया साड़ी, लाख की चूड़ियां, मोजड़ी, यहाँ खूब दिखे।
यात्रा की तैयारी कर, निकल पड़े हम, गुलाबी नगरी ओर,
जहां पारंपरिक भोजन और मिठाइयों का, नहीं कोई छोर।
पर्यटक स्थलों के भ्रमण के साथ इन सबका लुफ्त उठाया,
फिर लौटने से पहले, यहांँ के बाजार घूमने का मन बनाया।
जयपुर के कुछ खास बाज़ार अपनी ओर करते आकर्षित,
कीमती पत्थर, रत्न और आभूषणों की शोभा यहाँ अद्भुत।
सबके लिए करनी है खरीदारी विचार मन में लेकर चले थे,
जोहरी, चांदपोल, त्रिपोलिया बाजारों के नाम हमने सुने थे।
इसके अलावा और भी प्रसिद्ध बाज़ार, हैं जयपुर शहर में,
विश्राम कर थोड़ा, हमें खरीदारी करनी थी अगले पहर में।
वैसे तो अब आसानी मिल जाता, हर जगह, हर सामान है,
पर सबको पता है शॉपिंग करना स्त्रियों का फेवरेट काम है।
आए गुलाबी नगरी तो सबके लिए कुछ ना कुछ ले जाएंगे,
खरीदारी के साथ यहाँ के सजे बाजारों का आनंद उठाएंगे।
भाभी के पसंद की लहरिया साड़ी, ननद लाख की चूड़ियां,
सास ससुर के लिए हस्तशिल्प, पत्थर से बनी उत्तम मूर्तियाँ।
भाई के मन भाएगी ज़रूर जयपुर की डिजाइनर कालीन,
देवर देवरानी पारंपरिक जूतियाँ, कारीगरी जिसमें महीन।
माँ पापा के लिए स्मृति चिन्ह और लकड़ी की नक्काशियाँ,
कुछ खूबसूरत पीतल के सामान और उत्कृष्ट कलाकृतियांँ।
सबकी खरीदारी तो हो चुकी, खुद के लिए भी कुछ लेना है,
जयपुरी लहंगे की है बात निराली कुछ लोगों से यह सुना है।
स्वयं के लिए खरीदा लहंगा, अनोखे हैंगिंग्स, कठपुतलियांँ,
कितनी भी कर लो खरीदारी माने कहाँ मन की तितलियांँ।
चमड़े की विशिष्ट वस्तुओं का भंडार, है हवामहल बाजार,
हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग है, इसकी विशेषता का अनूठा आधार।
सुना जब इस बाजार के बारे में, तो उत्सुकता हुई जाने की,
देख तो आएं एक बार अगर इच्छा ना भी हो कुछ लेने की।
न चाहकर भी वहां से हमने, मन भरकर खूब खरीदारी की,
बस और नहीं जैसे तैसे मन को मना कर लौटने की तैयारी।
जयपुर से हम लौट आए, सबके हाथों में उपहार थमाया,
सबके चेहरों पर एक अनूठी खुशी देख कर मन भर आया।
हो सकता है हमने कीमत कुछ चीजों की ज़्यादा चुकाई है,
पर अपनों की खुशी देख, वास्तविक दौलत हमने पाई है।
गुलाबी शहर जयपुर का स्मृति चिन्ह है, यह सभी उपहार,
जिन्हें देखकर याद रहेगी यह यात्रा, बनेगी यादों का सार।