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Ms. Nikita

Tragedy Others

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Ms. Nikita

Tragedy Others

गरीबी..

गरीबी..

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मानव जीवन में

मैं उथल-पुथल 

मचा देती हूँ

मानव तड़पता

रहता है

मैं सब छीनती 

रहती हूँ

मैं भुखमरी हूँ॥ 


मेरे बिना

जीवन असंभव है

मैं मानव को

तड़पने का मौका

नहीं देती

मैं प्यास हूँ॥ 


मैं मानव को

अधमरा करके

छोड़ती हूँ

भुखमरी और प्यास 

मेरे ही गण हैं

मेरे होते 

देश की तरक्की

अधूरी है

मैं मानव को

छिन्न- भिन्न 

कर छोड़ती हूँ

मेरा परिचय

गरीबी है॥ 



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