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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

गरीब का दिल

गरीब का दिल

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अमीरों के दिल देखे बड़े गरीब है

गरीबों ं के दिल देखे बड़े अमीर है

यह वाकया तब आया, मेरे सामने

जब मुफ़लिसी से गुजरा फकीर है

गरीबों ने तो हमेशा साथ निभाया,

अमीरों ने मौके का फायदा उठाया,

गरीबों ने हमें मुसीबत में दी खीर है

अमीरों ने संकट में छीनी जागीर है

अमीरों के दिल देखे बड़े गरीब है

गरीबों के दिल देखे बड़े अमीर है

जब भी हमें अपनों ने ठुकराया है

गरीब ने अपना कहकर बुलाया है

गरीबी में पता चला किसे पीर है

और किसने पकड़ी हुई जंजीर है

गरीब ही पिलाता वाकई में नीर है

बाकी बस गरीबी में मारते तीर है

संकट में भी अमीर होते नीच है

चलाते वो कालाबाजारी समीर है

गरीब का जिंदा होता सदा जमीर है

वो कभी न भूलता मानवता पीर है

अमीरों के दिल देखे बड़े गरीब है

गरीबों के दिल देखे बड़े अमीर है

जिनकी आज आत्मा गिर गई है,

वो ही बन गये बड़े-बड़े अमीर है

गरीब ही देखे मैंने तो सच्चे वीर है

बाकी तो लगे उजाले के तिमिर है



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