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saru pawar

Tragedy Inspirational

4  

saru pawar

Tragedy Inspirational

बस अब और नहीं ..

बस अब और नहीं ..

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बस अब और नहीं

जुल्मों सितम सहना है

मुझे अब अपने हक के लिए 

खुदी से तो लड़ना है


बस अब और नहीं

गैरों का इंतजार

अपनी लड़ाई आप ही 

लड़नी है मुझे आज


बस अब और नहीं

अपनी ख्वाहिशों को रौंदना

ख्वाबों को अपने अब

 मुझे नहीं है तोड़ना


बस अब और नहीं

सहना इल्जामों को बेवजह

बेवजह नहीं अब खुदिको है रोकना


बस अब और नहीं

बंदिशों में है रेहना

मेरा है वजूद अलग

अलग मेरी भी पहचान है

दहलीजों में जकड़ी हुई 

यहाँ हर इक नार है

 

बस अब और नहीं 

बस अब और नहीं

मुझे ,तुझे अबला कहला के जीना

अबला कहला के नहीं जीना ---


 



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