गहरा नाता है तुझसे
गहरा नाता है तुझसे
एक तुझसे ही तो मेरा गहरा नाता है
तेरा प्यारा मुखड़ा मेरे मन को भाता है।
सारी दुनिया कहती तुमको पाना है दूभर
सुन के दुनिया की बातें दिल ये घबराता है।
चंदा तारे सारे देखे हम तो रोजाना
जाने कब कान्हा हमको दर्शन करवाता है।
तेरी मीठी- मीठी चितवन जादू सा करती
तन- मन अपना हारे जब कान्हा मुस्काता है
विनती करते कान्हा हमसे दूरी मत करना
तेरे बिन जीवन जीना मुश्किल हो जाता है।
सच्चे दिल से कान्हा जी को कोई भी माने
अपने भक्तों पर रहमत खुलकर बरसाता है
कब आओगे हमको अपने दर्शन देने
कान्हा जाने क्यूँ इतना मुझको तरसाता है।
