STORYMIRROR

Umesh Shukla

Tragedy

4  

Umesh Shukla

Tragedy

गिरगिट को भी अब मात

गिरगिट को भी अब मात

1 min
3

राजनीति में नैतिकता का

अब नहीं है कोई स्थान

सारी मर्यादाएं लांघ कर

नेता करते निज उत्थान

नेताओं के कृत्य ने दे दी

गिरगिट को भी अब मात

सत्ता के लिए वो तोड़ते

सभी मर्यादाएं अकस्मात

लोकतंत्र में चल रहा अब

निजी स्वार्थाें का संधान 

ऐसे में हाशिए पर लुढ़का

आम जनता का कल्याण

हे प्रभु मेरे देश के लोगों

को दीजै सन्मति का दान

खूब सोच समझकर करें वो 

आगामी चुनाव में मतदान


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy