STORYMIRROR

Savita Gupta

Romance Classics Fantasy

4  

Savita Gupta

Romance Classics Fantasy

ग़ज़ल

ग़ज़ल

1 min
168

कारवाँ जो चला दूर तक हम चले

साथ हो आप तो चाँद तक हम चले


आप गर संग हो तो शिखर तक चले

हाँथ हो मदद का फलक तक हम चले


चाँदनी की क़सम झील सी नज़र है

इस नजर की क़सम दूर तक हम चले


आरज़ू है अगर जोश दिल में रहे

दीप जलता रहे रात भर हम चले


अब्द अमानत जहाँ हो क़ज़ा ही रहे

सवि जहाँ हो क्षितिज अजल तक हम चले।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance