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इंदर भोले नाथ

Romance

3  

इंदर भोले नाथ

Romance

गज़ल

गज़ल

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जब एहसास हो तेरे आने का, लाज़मी है दिल का धड़कना भी,

मिलकर रुख्सत होने पर, लाज़मी है दिल का तड़पना भी


तेरे हर आह से हूँ वाकिफ़ मैं, मेरे हर दर्द की है खबर तुझे,

गर ख़्वाहिश है इश्क मुकम्मल हो, लाज़मी है दिल का बिखरना भी


तेरा दिद हमें हो उस जगह, तेरी आहट जहाँ मिलती न हो

इश्क़ जिस्म तक ही नहीं, लाज़मी है रूह तक उतरना भी


जब एहसास हो तेरे आने का, लाज़मी है दिल का धड़कना भी,

मिलकर रुख्सत होने पर, लाज़मी है दिल का तड़पना भी...


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