तेरा दिद हमें हो उस जगह, तेरी आहट जहाँ मिलती न हो इश्क़ जिस्म तक ही नहीं, लाज़मी है रूह तक उतरना ... तेरा दिद हमें हो उस जगह, तेरी आहट जहाँ मिलती न हो इश्क़ जिस्म तक ही नहीं, लाज...
एक तरफा इश्क भी नहीं है तो जहां में मुक्कमल क्या है। एक तरफा इश्क भी नहीं है तो जहां में मुक्कमल क्या है।