ख्याल
ख्याल
धरती का प्रियतम नहीं है
तो फिर ये बादल क्या है
समस्या है दिल का धड़कना
जीते जी इसका हल क्या है
इश्क़ अपने उरूज़ पर है
लो कह दिया गज़ल क्या है
किसी की बाहों में आंख लगे
इससे बेहतर मखमल क्या है
ज़िन्दगी जीने को आज काफी है
आज नहीं तो कल क्या है
एक तरफा इश्क भी नहीं है
तो जहां में मुक्कमल क्या है।
