गीत
गीत
तुम सा हमदम मिले तो, नाज़ मैं भी करुं
सबके दिलों में तुम रहो, तुम्हारे दिल में, मैं ही रहूं
तुम हसीं हो, चांद से भी सुंदर कहीं
तुम सा तो यार, जहां में कोई हसीं नही
कुछ कदम तुम बढ़ो तो, इक़रार मैं भी करुं
सबके दिलों में.............
क्यों मुस्कुराती हो ऐसे, लोग दीवाने बनते हैं
एक दीवाना तुम्हारा, हज़ार फ़साने बनते हैं
तुमसे इक़रार मिले तो, इज़हार मैं भी करुं
सबके दिलों में तुम..........
यूं तो चाहने वाले कई, 'सागर' चाहता जान से
परेशां किया सबको तुमने, अब क्यों हो हैरान से
तुम दिल देकर तो देखो, जान निसार मैं भी करुं
सबके दिलों में तुम रहो, तुम्हारे दिल में मैं ही रहूं।