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Umesh Shukla

Tragedy

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Umesh Shukla

Tragedy

घुली अजब सी भांग

घुली अजब सी भांग

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भारतीय राजनीति के कूप

में घुली अजब सी भांग

राजनेता अपनी जीत को

करते नित नव नव स्वांग

खुद को मानें दुग्ध धुला

प्रतिद्वंद्वियों का हरें चीर

पर असलियत में दिखती

नहीं उन्हें जन मन की पीर

महज वादों से कर रहे हैं

वो लोकतंत्र का कल्याण

उनकी संकुचित सोच से

घटा राजनीति का मान

हे ईश्वर शीघ्र दीजिए सब

राजनीतिकों को सदविवेक

जन कल्याण को ध्यान में

रखकर काम करें विशेष



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