Reena Kakran
Children
बहुत ही सुन्दर फूल है गेंदा,
वर्ष भर उगने वाला पौधा।
सजावट के यह काम आता,
हर उत्सव की शोभा बढ़ाता।।
कई रंगों में पाया जाता,
धरती को रंग-बिरंगी बनाता।
गुजराती में कहते गलगोटा,
मारवाड़ी में हजारी गजरा।।
सन्तोष
मेरा बस्ता
सरकारी स्कूल ...
शिक्षा वरदान
शब्द महिमा
अग्नि परीक्षा
सीमा
एक पल की खबर ...
रक्षाबन्धन
बादाम
जीत तभी संभव है इस दुनिया में लगा दो जान की सारी बाजी....! जीत तभी संभव है इस दुनिया में लगा दो जान की सारी बाजी....!
जिंदगी मे जितनी चाहे मुसीबतें आए आने दो, मैं कभी घबरा कर कोई गलत कदम उठाऊंगा नहीं.. जिंदगी मे जितनी चाहे मुसीबतें आए आने दो, मैं कभी घबरा कर कोई गलत कदम उठाऊंगा...
आम का पेड़ तू है प्रकृति का उपहार, मेरे दिल में बसी है तेरी ख़ुशबू सदैव प्यार। आम का पेड़ तू है प्रकृति का उपहार, मेरे दिल में बसी है तेरी ख़ुशबू सदैव प्यार...
चलो वापस बन जाते हैं छोटे जो दिन रात मस्ती वाले थे। चलो वापस बन जाते हैं छोटे जो दिन रात मस्ती वाले थे।
अपने बच्चों के लिए मुस्कुराती हैं। माँ ही होती हैं जो चट्टान से भी भिड़ जाती है। अपने बच्चों के लिए मुस्कुराती हैं। माँ ही होती हैं जो चट्टान से भी भिड़ जाती ...
हमारे प्यारे दोस्त बन मन की बात को पूरा कर जाती हैं। हमारे प्यारे दोस्त बन मन की बात को पूरा कर जाती हैं।
बचपन, प्यारा बचपन.... बचपन, प्यारा बचपन....
मेरे दादा दादी मेरे दादा दादी
हमारे वादे में जुड़ा है जन्मों जन्म के बंधन में जुड़ा है। हमारे वादे में जुड़ा है जन्मों जन्म के बंधन में जुड़ा है।
पहली बारिश होने पर, धरती माटी पर भी अमृत बरसती है... पहली बारिश होने पर, धरती माटी पर भी अमृत बरसती है...
लोगों के जीवन में सुधार होगा आज मान लो मेरी बात, आज मान लो मेरी बात। लोगों के जीवन में सुधार होगा आज मान लो मेरी बात, आज मान लो मेरी बात।
सपनों की यात्रा में, हर रोज़ बनता है एक नया किरदार। सपनों की यात्रा में, हर रोज़ बनता है एक नया किरदार।
बस भारत का तिरंगा झंडा गाड कर ही आना है। बस भारत का तिरंगा झंडा गाड कर ही आना है।
अत्याचार करना कब मर्दानगी बन गया, इसका पता न चला। अत्याचार करना कब मर्दानगी बन गया, इसका पता न चला।
अभी बहुत कुछ करके दिखाना है,आपका नाम कमाना हैं। अभी बहुत कुछ करके दिखाना है,आपका नाम कमाना हैं।
आज तो बिना मौसम के ही बादल बहुत गरज रहे हैं । आज तो बिना मौसम के ही बादल बहुत गरज रहे हैं ।
ही सपने में आता है। जो कभी-कभी पूरा भी हो जाता है। ही सपने में आता है। जो कभी-कभी पूरा भी हो जाता है।
सूरज जहां उगता है, रेशमी रेत की छाप पे, गरबें की ताल पे थिरकती जो शान से। सूरज जहां उगता है, रेशमी रेत की छाप पे, गरबें की ताल पे थिरकती जो शान से।
एक बार समझकर तो देख, सब समझ जाऊंगी मैं मां। एक बार समझकर तो देख, सब समझ जाऊंगी मैं मां।
मेहनत और लगन से अपनी मंजिल जरूर पाएगी। मेहनत और लगन से अपनी मंजिल जरूर पाएगी।