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Lata Singhai

Inspirational Children

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Lata Singhai

Inspirational Children

इक्कीसवीं सदी हमारी होगी

इक्कीसवीं सदी हमारी होगी

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अभी कहाँ विश्राम है यारों 

हमें बहुत दूर चलना होगा ---


नदियाँ कंचन सी बहती होगी,

फसलें खेतों में लहलहाती होगी ।

आसमां पर फ़साने होंगे,

चाँद सितारे नन्हे मुन्नों के मामा होंगे ।।


अभी कहाँ विश्राम है यारों,

हमें बहुत दूर चलना होगा ---


भारत की सभ्यता -संस्कृति को ,

धरा के कण कण में बसना होगा ।

कम्प्यूटर के इस युग का भी,

इतिहास हमें ही रचना होगा ।।


अभी कहाँ विश्राम है यारों,

हमें बहुत दूर चलना होगा ----


वतन प्रेम वतन परस्ती की गाथाएँ,

हर माता की लोरी होगी।

कंचन माला की हर चोटी पर,

रखवाली आँख तिरंगी होगी।।


अभी कहाँ विश्राम है यारों ,

हमें बहुत दूर चलना होगा ------


महावीर, गांधी की भूमि पर ,

अहिंसा की वाणी होगी ।

खुशहाली बांहों में होगी ,

इक्कीसवीं सदी हमारी होगी ।।


अभी कहाँ विश्राम है यारों ,

हमें बहुत दूर चलना होगा -----



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