पर्यावरण
पर्यावरण
अरे मानव तुम,संभल जाओ
पेड़ लगाओ , छाया पाओ
नदियों को दो जीवन दान
पहाड़ो की सैर करो पर
ना बनाओ उन्हें कूड़ादान
आंगन आँगन तुलसी लगाओ
शुद्ध हवा का झोंका पाओ
बाबा की कथा कहानी
नीम तले अब सुनने भी दो
डलने दो अमराई में झूले
बच्चों को मौज मनाने भी दो
बहन बेटियों को मायके में
सावन के गीत गाने भी दो
मत काटो पेड़ की जड़ो को
जमीं से जुड़ी रहने भी दो
प्रकृति का ना करो हरण
पर्यावरण का करो सरंक्षण
आज संकल्प करो तुम सब
वसुंधरा को हरियाली से सजाएं हम सब।
