किसे कहे सुदामा
किसे कहे सुदामा
मन मे ना हो कोई भेदभाव ,
अमीर ,गरीब की धूप छाँव ।
अमीरी का ना हो अभिमान ,
गरीबी में ना छोड़े स्वाभिमान ।
बारिश से भीगे चहेरे पर भी ,
आंसुओ की कर ले पहचान ।
मन की पीड़ा को हर कर भी ,
दिखाये ना कोई अहसान ।
प्यार और विश्वास हो प्रगाढ़ ,
लेंन देंन का ना हो कोई व्यापार ।
दुःखो की धूप में ,ठंडी छाँव अगाध ,
विकट परिस्थितियों में ना बदले व्यवहार ।
सुदामा औऱ कृष्ण सा प्यार ,
जग में है सबसे निराला ।
उस जैसा मिल जाये यार ,
जिसे कह सकू में सुदामा ।
