तू ही मेरी दुनिया जहां है मां......
तू ही मेरी दुनिया जहां है मां......
यह दुनिया एक समुद्र है,
पर तू प्रेम की छाया मां।
मुझे तो हंसना भी,
तूने ही सिखाया मां।
चलती नहीं थी बिल्कुल भी मैं,
पर तूने गोदी उठाया मां।
घुटनों के बल या पैरों पर,
चलना तूने सिखाया मां।
पिता का साथ कब छूटा,
यह तो मुझको याद ना मां।
बस मुझे इतना पता है,
तू ही मेरी दुनिया जहां है मां।
याद है मुझको वो भी दिन,
जब मैं तुझे बताती थी मां।
बोल-बोल कर स्कूल की बातें,
सर तेरा खाती थी मां।
पर फिर भी तू सुनती थी,
मेरी हर बकवास मां।
दुनिया में सब मिलेंगे,
पर कोई तुझ सा खास ना मां।
