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Shraddhaben Kantilal Parmar

Children Stories Inspirational Children

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Shraddhaben Kantilal Parmar

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गुड़िया

गुड़िया

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छोटे छोटे हाथ की गुड़िया

तुझे क्या कहकर पुकारूँ पुड़िया

कांच सी नाज़ुक डोर है बंधा


मुस्कान से चहल पहल उठा है 

ए प्यारा सा अंगना।

परियों से आई एक प्यारी अप्सरा

जादू की है छड़ी ले आई।


खुशियों से भर दिया मेरा संसार

तेरे आने से फूलों से महक उठी है जिंदगी

तेरे ख्वाबों ख्यालों के रंग बिखरे हैं यहां पे।

घर की जान है मेरी छोटी सी गुड़िया।


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