साईं तेरे दरबार मैं
साईं तेरे दरबार मैं
साईं तेरे दरबार मैं,
जो कोई भी आता है,
नहीं लौट के जाता कभी खालि हाथ,
जो भी झोली अपनि फैलाता तेरे डर पे।
तुम करते सबकी इच्छा पूरी,
रखते सबका ध्यान,
होती चिंता अपने भक्तों कि,
आपको हरदम साईं भगवान।
पढ़ लेते हो भक्तों के मन कि बात,
है पता आपको सब कुछ,
आप हो अंतर्यामी साईं नाथ।
देते नया जीवन अपने भक्तों को,
दिखलाते हो सही राह।
हो आप ही हमारा सहारा भगवान,
हमारे प्यारे साईं नाथ।
