शिक्षा
शिक्षा
चुन्नू मुन्नू चले बाजार
बड़े भैया के साथ में
भैया तो थे पढ़े लिखे
पर चुन्नू मुन्नू का गवार थे
जब सभी बाजार में पहुंचे
भैया रुपए दिए 2,000
और चुन्नू मुन्नू से बोले
दोनों बांट लेना 1000
इतना कहकर भैया दोनों से
चले गए जूते की दुकान पे
जाते हुए भैया कह गए दोनों से
कपड़े ले लेना दुकान से
इसके बाद फिर क्या था
चुन्नू मुन्नू दुकान पे
दोनों ने एक पेंट शर्ट खरीदें
दाम लिखा था 500
चुन्नू मुन्नू को पता नहीं था
500 कितने रुपए होते हैं
दोनों जेब से पैसे निकाल कर
आठ 800सो देते हैं
दुकानदार भी खुश हो गया
फूला नहीं समाया
चलो कोई बेवकूफ आज
इतने दिनों बाद है आया
इसी समय भैया आ पहुंचे
दाम पूछा तो 500
जब चुन्नू मुन्नू के हाथ में देखें
दोनों रुपए दे दिए थे 800
भैया ने डांटा दोनों को
फिर भैया ने दुकानदार से बोले
तुम किसी को भी बेवकूफ बनाकर
क्या रुपए लूट लोगे
दुकानदार ने मांगी माफी
भैया हमको कर दो माफ
आगे से गलती ना होगा
हिसाब रखूंगा एकदम साफ
फिर रास्ते में चलते भैया जी ने
दोनों को खूब समझाया
तुम दोनों ने शिक्षा का मतलब ना समझा
तभी तो दुकानदार ने मूर्ख बनाया
बात समझ में आई दोनों के
कि बिना शिक्षा सब अधूरी है
और सभी इच्छा पूरी है
जब समझोगे कि शिक्षा जरूरी है।
