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Ruby Mandal

Classics Fantasy Inspirational

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Ruby Mandal

Classics Fantasy Inspirational

गौरी भी तू ,काली भी तू।

गौरी भी तू ,काली भी तू।

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गौरी भी तू,काली भी तू 

ऊंचे-ऊंचे पहाड़ा वाली तू

आरंभ तू, अंत भी तू

सृष्टि का सृजन तू, विध्वंस का तांडव भी तू।


शिव भी तू,शक्ति भी तू,

अर्धनारीश्वर का स्वरूप तू,

भक्त की भक्ति भी तू।

प्रेम का श्रृंगार तू,

भूखें का भात तू,

सुख की अनुभूति तू,

दुख का संघर्ष तू।

हां! मां सिर्फ तू है, सिर्फ तू ही है।


चहो दिशाओं में, अनन्त फैले ब्रह्माण्ड में,

दिन में, रात में, सूर्य के प्रकाश में

धरती के हर एक कण में

हां! मां सिर्फ तू ही है, सिर्फ तू ही है।

नतमस्तक हो शीश झुकाऊं तुझे।

नित दिन वंदना गाऊं मैं।


जय, जय, जय मां जगदम्ब भवानी।

मां अम्बे तू ही है जगत महारानी।


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