सीता की अग्नि परीक्षा कब तक
सीता की अग्नि परीक्षा कब तक
ठाना कलियुग की नारी ने
वो अग्नि परीक्षा न देगी।
स्वाभिमान की खातिर अब
वो अपने वर को त्यज देगी।
नर राम कहो कब बन पाया?
मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाया ?
पर नारी सीता सी चाही
जब चाहा खेला, ठुकराया।
फिर क्यों अपेक्षा है सीता से
हर युग मे परीक्षा वह देगी।
अपने सतित्व को साबित करने
बलिवेदी को वर लेगी।
अब अग्नि परीक्षा न होगी
इस धरती पे कोई राम नहीं
और सीता जहाँ सुरक्षित हो
अब लंका जैसा धाम नहीं।
