STORYMIRROR

Dheerja Sharma

Abstract

3  

Dheerja Sharma

Abstract

वह नहीं समझेगा

वह नहीं समझेगा

1 min
207

वह नहीं समझ पायेगा कि

काम से लौट कर काम पे लगना

कैसा होता है।

वह यह भी नहीं समझ पायेगा

कि पुरुष का संडे

बच्चों का फन डे

उसका रन डे क्यों होता है !

वह स्त्री नहीं है...

नहीं समझ पायेगा !



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract