STORYMIRROR

Meera Parihar

Fantasy

4  

Meera Parihar

Fantasy

गाने ऊपर मेरा गाना

गाने ऊपर मेरा गाना

1 min
207

मिलती है जिंदगी में मुहब्बत कभी कभी।


साकी औ जाम , मीना है, पीकर ही आएगा।

लम्हे गमों के भूलकर, वह जी कर ही आएगा।।


आसां कहाँ है ढूँढ़ना उल्फत की ,बेखुदी में हद ।

अपनी मिटा कर हस्ती मुआ,लुट कर ही आएगा।।


जाम ए वफ़ा भी मिलते हैं क्या,मयखाने में कहीं ।

आखिर में याद आपको,ये दिलवर ही आएगा।।


 किताब ए दिल पर जब उसे दिलोजान लिख दिया।

 ये इश्क है जनाब, आज हुस्न से मिलकर ही आएगा।

 

'मीरा' बिछा के बैठी है अरमानों की बिसात।

जीतेंगे हम कभी, कभी हार का नश्तर ही आएगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy