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Manthan Rastogi

Drama

3  

Manthan Rastogi

Drama

फ़रेबी इश्क

फ़रेबी इश्क

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अश्को में भी खामियत है

खुशियो में भी एब हैं 

जुर्म है ये आशिकी

और इश्क भी फ़रेब है


कायदे ही कायदे हैं 

प्यार में भी फ़ायदे हैं 

ज़िन्दगी से मौत तक

बस नकलियत के वायदे हैं 

ज़िल्त ओढे लोग हैं 

और पन्नों में अजीब हैं 

जुर्म है ये आशिकी 

और इश्क भी फ़रेब हैं 


हवस भरी रगो में है

या रूहानी कसूर है

ज़िक्र है बस जिस्म का

और जिस्मानी सुरूर है

चेहरे भी केवल

खूबसूरती करीब हैं 

जुर्म है ये आशिकी 

और इश्क भी फ़रेब हैं 


हैं आपके भले अभी

अगले ही वक्त दूर हैं 

उल्फ़ते बेगैरती

मोहब्बते भी चूर हैं 

अब झुठ के व्यापार में 

हर सच बड़ा गरीब हैं 

जुर्म है ये आशिकी 

और इश्क भी फ़रेब है।


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