एसिड अटैक पीड़िता।
एसिड अटैक पीड़िता।
एसिड अटैक पीड़िता का बस इतना ही कसूर था,
उसे उस लड़के से प्यार बिल्कुल भी हुआ ना था।
एक-तरफ़ा प्यार करने वाले आशिक सरफिरा था,
साफ़-साफ़ मना करना उसके अहम पर चोट था।
मेरी ना तो किसी की भी ना सोच एसिड फेंका,
इतना पागल होकर ही उसने घृणात्मक कृत्य किया।
एसिड अटैक पीड़िता को कितना कष्ट हुआ ये नहीं,
उस सरफिरे आशिक ने कभी भी शायद सोचा।
काश एसिड अटैक करने से पहले ये सोचा होता,
बाद में उसके प्यार का जीवन कष्टों से भरा होता।
तमाम उम्र उसे ऐसे समाज में तन्हा जीना होता,
उनका कुरूप चेहरा देखकर देखने वाला डरता।
