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अजय केशरी

Abstract

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अजय केशरी

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एकता...

एकता...

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एकता में ताक़त इतनी

हिल जाती सल्तनत है.!

हो पुरानी कितनी भी

सरकार बदल जाती है.!

अंग्रेजों की सत्ता को

समाप्त किए थे मिलकर हम.!

सत्तर साल पुरानी सत्ता

उखाड़ फेके भारत के लोग.!

जब भी हम सब एक हुए

रुख हवा की हमने बदली है.!

हमनें ही इतिहास रचा है

जब भी हम सब एक हुए है.!


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