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"पागल फ़क़ीरा" 🌹

Romance Tragedy

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"पागल फ़क़ीरा" 🌹

Romance Tragedy

एक यार का अरमां है

एक यार का अरमां है

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एक यार का अरमां है,

हूरों में रवानी है,

बन्दगी छोड़ कुछ ही नहीं,

ये तो मेरी ज़िन्दगानी है।


कभी हँसकर रोना है, कभी रोकर हँसना है,

ज़िन्दगी का मतलब तो, जीना और मरना है,

एक दिन तो ज़िन्दगी में, ख़ुशियाँ मनानी है,

बन्दगी छोड़ कुछ ही नहीं............


तू कली है गुलशन की, मैं भँवरा मस्ताना हूँ,

तू मेरी दीवानी है, मैं तेरा दीवाना हूँ,

हम पागल आशिक़ है, तू फूलों की रानी है,

बन्दगी छोड़ कुछ ही नहीं............


आँखों को रोना है, रो कर सूख जाना है,

आक्रंद है ये कुछ क्षण का, रो कर चुप होना है,

तनहाइयाँ कह जाती, कह जाती कहानी है,

बन्दगी छोड़ कुछ ही नहीं............


जो छीन गया है वो, अब प्यार न आयेगा,

इस दिल में सिवा तेरे, कोई यार न आयेगा,

दिल तोड़ दिया तुमने, बरबाद जवानी है,

बन्दगी छोड़ कुछ ही नहीं............


तुम साज़ न दो मेरा, कहना मुझे आता है,

हम राज़ के क़ाबिल हूँ, मरना मुझे आता है,

अनकही बातों की तो, वो नज़्म सुनानी है,

बन्दगी छोड़ कुछ ही नहीं............



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