जब कोई रात गुज़र जाये
जब कोई रात गुज़र जाये
जब कोई रात गुज़र जाये,
जब कोई क़ातिल मिल जाये,
तुम रहना सदा तैयार, ओ नौजवान,
ना आया है, ना आया था,
मुश्किलों में तुम्हारे बिना,
तुम रहना सदा तैयार..........
हो सुहानी तब तक बात,
करता है हर कोई याद,
तुम अगर झमेलों में,
तब भी करना मुझे साद,
जब कोई रात गुज़र जाये..........
तरफ़दारी के वो नखरे,
उठायेंगे हम तुम ख़तरे,
तब की आस आशिक़ी की,
अब तक है सपने अपने,
जब कोई रात गुज़र जाये..........
लब से निकली दुआ कहीं,
तुम हमसे भी मिलो वहीं,
करिश्मा है कुदरत का,
यह वो राज़ की रात नहीं,
जब कोई रात गुज़र जाये..........

