आँखों में नमी
आँखों में नमी
आज भी भारत माँ की आँखों में नमी है,
क्योंकि यहाँ इन्सानियत में थोड़ी कमी है।
धर्म और मज़हब के नाम से कोहराम है,
क्योंकि मुल्क़ के इस ग़द्दारो में बेरहमी है।
अमानुषी अत्याचार मचा कर क़ाफ़िरों ने,
बेगुनाहों के ख़ून से रंगी मुल्क़ की ज़मीं है।
मतलब के लिये मासूमों की बलि देने वाले,
कहलाते देशभक्त सियासी लोग अधर्मी है।
शर्म-ओ-हया का झूठा नक़ाब पहनने वाले,
"पागल" उन दुश्मनों की आँखों में बेशर्मी है।